Electricity क्या है? परिभाषा, प्रकार, लाभ और नुकसान 

Electricity, जिसे हिंदी में विद्युत कहा जाता है और आम बोल चाल की भाषा में हम सब इसे बिजली कहते है। दुनिया में किसी से भी पूछा जाएं कि Electricity क्या है, तो इसका जवाब भी आपको विभिन्न प्रकार से मिलेंगे। आज यहां आप इसका सही परिभाषा या अर्थ बताएंगे और यह भी कि इसका उत्पादन कैसे किया जाता है। इलेक्ट्रिसिटी के आने से हमारा जीवन सरल हो गया है, इसके बिना हम अपने जीवन के कल्पना भी नहीं कर सकते है।

इसकी खोज तो काफी पहले की जा चुकी थी, किंतु घरों में उपयोग करने के की शुरूआत में काफी समय लग गया था। यदि आपको इलेक्ट्रिसिटी के प्रकार, इसके इतिहास, लाभ और नुकसान के बारे में जानना है, तो इस लेख को अंत तक पढ़ें। 

Electricity क्या है?

आज के समय में किसी नहीं पता होगा कि Electricity क्या है? हमारे घर या ऑफिस में लगे सारे उपकरण या यंत्र इससे ही तो चलते है। दरअसल इलेक्ट्रिसिटी ऊर्जा का एक रूप माना जाता है, जो इलेक्ट्रॉन के प्रवाह से कार्य करता है।

इसकी सहायता से ही प्रकाश, ताप और बल इत्यादि का उत्पादन किया जाता है, इन बलों के कारण ही अन्य मशीनें कार्य करती है। किंतु, इसके पीछे एक लंबी रहस्य भी है कि आखिर बिजली बनती कैसे है। 

इस दुनिया में उपस्थित हर वस्तु molecules से बना होता है और Molecules छोटे छोटे atom की सहायता से बनते है। हर Atom के तीन भाग होते है, जिन्हें प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और इलेक्ट्रॉन कहा जाता है। 

प्रोटॉन एक पॉजिटिव चार्ज पार्टिकल होता है, तो वहीं दूसरी ओर न्यूट्रॉन के पास कोई भी चार्ज नहीं रहता। इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रॉन को एक नेगेटिवेली चार्ज्ड पार्टिकल कहा जाता है। हर Atom का अपना एक केंद्र होता है, जिसमें प्रोटॉन और न्यूट्रॉन रहते है और इस केंद्र के चारों ओर ऑरबिट में इलेक्ट्रॉन घूमते रहते है। 

Atom में कुछ फ्री इलेक्ट्रॉन भी पाएं जाते है, जो किसी भी कंडक्टर के माध्यम से आसानी से मूव करते है। इलेक्ट्रॉन के इन्हीं प्रवाह को करेंट कहा जाता है, जिसकी मदद से प्रकाश, ताप या बल जेनरेट किए जाते है।

इस पूरी प्रक्रिया को ही इलेक्ट्रिसिटी का नाम दिया जाता है, जिससे हमारा हर कार्य पूर्ण होता है। चाहे मोटर चलाना हो या फिर घर में रोशनी करनी होगी, सबमें विद्युत का ही योगदान रहता है। 

Electricity की खोज किसने और कब की थी?

हालांकि, इलेक्ट्रिसिटी की खोज करने में कई वैज्ञानिकों का सहयोग रहा है, किसे ना इसके बारे में कॉन्सेप्ट रखा, तो किसी ने इसके स्वरूप के बारे में बताया। इसके बाद इसके उपयोग के लिए उपकरणों का निर्माण अन्य साइंटिस्ट ने किया।

आज से लगभग 600 वर्ष ईशा पूर्व एक यूनानी वैज्ञानिक और दार्शनिक थेल्स ने बिजली का अविष्कार किया था। इसके लिए उन्होंने चीड़ के पेड़ से बने गोंद का इस्तेमाल किया था। आगे चल कर इस पर अन्य साइंटिस्ट ने भी कार्य किया, जिन्होंने और अधिक पावर वाले इलेक्ट्रिसिटी का उत्पादन किया। 

किंतु, इलेक्ट्रिसिटी का सही स्वरूप में अविष्कार यूएसए के वैज्ञानिक बेंजामिन फ्रैंकलिन ने 1972 में किया था। जिन्होंने बताया कि आकाश में चमकने वाली रोशनी को बिजली कहा जाता है और अनेकों तरीके से इसे जेनरेट किया जा सकता है।

आगे चल कर सबसे पहले इलेक्ट्रिसिटी उपकरण Dynamo का अविष्कार 1831 में माइकल फराडे ने किया था। फिर 1878 में थॉमस एडीसन ने बल्ब का अविष्कार करके हमारे जीवन में एक नई क्रांति ला दी थी। इसके प्रकार Alternating Current के बारे में Nikola Tesla ने खोज की थी।

हालांकि, इलेक्ट्रिसिटी का उपयोग घरों में 19वीं शताब्दी से किया जाने लगे और 1878 में सबसे पहले स्ट्रीट लाइट का निर्माण लंदन में किया गया।

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Electricity के कितने प्रकार होते है?

अब हम आपको बताने जा रहे है कि इलेक्ट्रिसिटी के कुछ प्रकार भी होते है। जिनमें से हम एक प्रकार का इस्तेमाल करते है और प्रकार का कोई खास प्रभाव नहीं होता है। आइए, उन्हीं के बारे में जानते है। 

1. Static Electricity

इस प्रकार का इलेक्ट्रिसिटी किसी प्रदार्थ में अंदर या इसके सतह पर बनने वाला एक असंतुलन होता है। इसका चार्ज तब तक ही अस्तित्व में रहता है, जब तक वह इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज या किसी इलेक्ट्रिक करेंट के माध्यम से दूर नहीं चला जाता है। इसे एक जगह से दूसरी जगह प्रवाहित नहीं किया जा सकता है, इसलिए इसका उपयोग भी कर पाना असंभव होता है। 

दरअसल, इनका उत्पादन किन्हीं दो चीजों के आपस में रगड़ने से जो घर्षण पैदा होती है, उसी से इनका उत्पादन होता है। आपने भी देखा होगा कि बालों को कंघी करने के बाद यदि उस कंघी को किसी कागज के सामने के जाया जाएं, तो वह दूर से ही कंघी की तरफ खींचा चला आता है और चिपक जाता है। ऐसा Static Electricity के कारण संभव हो पाता है। 

2. Dynamic Electricity

इस प्रकार में चार्ज पार्टिकल किसी भी कंडक्टर के जरिए प्रवाह कर सकते है। दूसरे शब्दों इन्हें ही बिजली करेंट कहा जाता है, जिसका उपयोग हम सब अपने घरों या दफ्तरों में करते है। इसका उत्पादन बड़े बड़े मशीनों के जरिए किया जाता है और साथ ही इसके लिए बड़े स्टेशन भी बनाएं जाते है। इसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे, Dynamic Electricity के भी दो प्रकार होते है। 

a. Direct Current

Direct current के नाम से ही समझ आ रहा है कि यह एक सीधी दिशा में प्रवाहित करता है, इसकी दिशा कभी भी बदलती नहीं है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण Electrochemical Cell यानी बैटरी को माना जाता है, जिससे डायरेक्ट करेंट का उत्पादन होता है।

यह करेंट Conductor के साथ Semiconductor और Insulator में भी मूव कर सकता है। किंतु, इसका उपयोग हम अपने दिनचर्या में नहीं कर सकते है, इसे अधिकतर बड़े मशीनों, मोटर या फिर बैटरी चार्जिंग के लिए उपयोग किया जाता है। 

b. Alternating Current 

यह एक ऐसा करेंट है, जो अपनी दिशा लगातार बदलता रहता है। इसका उपयोग दुनिया में अधिक किया जाता है और घरों में हम इसे ही प्रयोग करते है।

इसका उत्पादन जेनरेटर या टरबाइन द्वारा किया जाता है और विद्युत उपकरण जैसे, पंखे, बल्ब, फ्रीज, इत्यादि इसी पर काम करते है। 

Electricity का उत्पादन कैसे किया जाता है?

Electricity का उत्पादन विभिन्न तरीकों से किया जाता है, किस राज्य या शहर में जैसी सुविधा उपलब्ध रहती है, उसी का उपयोग करके इसे जेनरेट करते है। आपको यहां हम उन्हीं अलग अलग मैथड के बारे में विस्तार से बताएंगे। 

1. Biomass Energy

इस तरीके में नेचुरल प्रदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे गोबर, पत्ते, पेड़ पौधों के अपशिष्ट, इत्यादि। हालांकि, इसका तरीका हाइड्रो पावर से मिलता जुलता है। बड़े से कंडक्टर में पानी को गर्म किया जाता है और इसे गरम करने के लिए नेचुरल प्रदार्थों को ही जलाया जाता है।

जैसे जैसे पानी उबलने लगता है, इससे भाप निकलना शुरू हो जाता है। इस भाप से ही टरबाइन घूमता है और इसके घूमने पर जेनरेटर में बिजली पैदा होने लगती है। इसी प्रकार बायोमास एनर्जी द्वारा इलेक्ट्रिसिटी को प्रोड्यूस किया जाता है। 

2. GeoThermal Power

हम सबको पता है कि हमारी धरती अंदर से कितनी गर्म है, यह तीन परतों में बांटी हुई है और सबसे केंद्र में Core है, जो गर्म लावा की तरह होता है। Geothermal power के जरिए बिजली उत्पादन करने के लिए यूनिट सेट करनी होती है और इससे पैदा होने वाले बिजली को ही Geothermal Electricity कहते है। 

मशीनों द्वारा कुंआ जैसा गड्ढा करके वहां से हाई प्रेशर में गर्म पानी निकाला जाता है, सबसे ऊपरी सतह तक आने पर यह ठंड होकर भाप का रूप ले लेती है। इस भाप के सहारे ही बड़े बड़े टरबाइन की घुमाया जाता है और टरबाइन से जेनरेटर जुड़ी रहती है, जो विद्युत का जेनरेशन करता है।

इसके बाद वह भाप एक कूलिंग टावर में चली जाती है और फिर वापस से पानी का रूप लेकर धरती में भेज दिया जाता है। यह प्रक्रिया बार बार दोहराई जाती है, ताकि बिजली का उत्पादन होते रहें।

3. Nuclear Power

इस तरीके से बिजली बनाने में सबसे अधिक इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूस होती है। इसके लिए यूरेनियम का उपयोग किया जाता है, इन्हें एक स्टील में बंद कैप्सूल में संभाल कर रखा जाता है अन्यथा बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

यूरेनियम के एटॉम पर न्यूट्रॉन का फायर किया जाता है ताकि यह टूट तक और अधिक न्यूट्रॉन का रिलीज करें। जब नए न्यूट्रॉन रिलीज होते है तो यह एटॉम को और गर्म कर देते है और इस प्रक्रिया में काफी अधिक मात्रा में heat पैदा होता है। 

इन्हीं heat के बनने के बाद पानी को रिएक्टर वेसल से भेजा जाता है और इन पानी को 155 गुना atmospheric pressure में रखा जाता है, जिससे यह ना उबले और ना ही भाप बने।

इस गरम पानी को हजारों लूप में लगे पाइप से निकाला जाता है, कम प्रेशर पर रहने पर यह पानी भाप में बदल जाता है और इन्हीं भाप से टरबाइन को चलाया जाता है। यह टरबाइन एक जेनरेटर से जुड़ा रहता है, यह जेनरेटर मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल दिया जाता है। 

इसके बाद इन इलेक्ट्रिकल एनर्जी को ग्रिड में भेज दिया जाता है और हर ग्रिड के अनुसार ही पहले इसे हाई वोल्टेज में बदला जाता है। अंत में ट्रांसमिशन लाइन के सहारे बिजली को घरों तक पहुंचाया जाता है। 

4. Turbine Hydro Power 

इस मैथड में अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है, ज्यादातर यह तरीका डैम में इस्तेमाल किया जाता है। पानी को एक जगह अधिक मात्रा में जमा किया जाता है और जहां से इसका प्रवाह किया जाता है, उसके नीचे बड़े बड़े टरबाइन लगाए जाते है।

ऊपर से गिरने वाले पानी और नीचे लगे टरबाइन की दूरी अधिक रहती है ताकि जब पानी को गिराया जाएं तो वह अधिक स्पीड और प्रेशर से गिरे। 

जितना अधिक प्रेशर और स्पीड हो, टरबाइन भी उतनी ही तेज़ी से चलाया जाता है। इस टरबाइन से एक जेनरेटर जुड़ा रहता है, टरबाइन के घूमने से यह जेनरेटर बिजली प्रोड्यूस करता है। आगे इस उत्पादित बिजली को पावर हाउस में स्टोर किया जाता है और उसके बाद ट्रांसमिशन लाइन के सहारे इलेक्ट्रिसिटी को अलग अलग स्थानों में भेजा जाता है। 

5. WindMill Method 

रेगिस्थान जैसे स्थलों में बिजली उत्पादन के लिए Windmill का उपयोग किया जाता है। बड़े बड़े खम्बो में पंखे लगे होते है और इनके घूमने से ही बिजली प्रोड्यूस किया जाता है।

Windmill के पंखों में छोटे छोटे जेनरेटर लगाएं जाते है, जो इन पंखों के चलने से बिजली का उत्पादन होता है। खुले जगह में हवा का बहाव भी तेज होता है, और इससे जेनरेटर इलेक्ट्रिसिटी पैदा करता है।

इन प्रोड्यूस इलेक्ट्रिसिटी को आगे पावर हाउस में स्टोर किया जाता है और फिर इनका इस्तेमाल अलग अलग कार्यों में किया जाता है। 

Electricity से क्या लाभ है?

Electricity से हमें क्या फायदे मिलते है, जिसके बारे में आपको बताते है। 

  • इसकी मदद से बल्ब जलाया जाता है, जिससे घरों में रोशनी होती है और हमें कार्य करने में आसानी होती है। 
  • गर्मी में राहत पाने के लिए पंखे, फ्रीज, कूलर की भी इसी की मदद से चलाया जाता है। 
  • आजकल मोबाइल, टीवी या लैपटॉप चलाने के लिए भी इलेक्ट्रिसिटी की आवश्यकता पड़ती है। इन्हें चार्ज के लिए बिजली चाहिए होता है और इनसे ही हमारा अधिकांश कार्य पूर्ण होता है। 
  • बिजली से ही हम अपने घर के अन्य उपकरणों का उपयोग करते है, जैसे मिक्सर, वाशिंग मशीन, ग्रीज़र, इत्यादि।।
  • धरती से पानी निकालने के लिए भी मोटर की सहायता ली जाती है। इस मोटर को चलाने के लिए इलेक्ट्रिसिटी की जरूरत पड़ती है।

Electricity के क्या नुकसान है?

अगर इसके लाभ है, तो नुकसान भी कुछ कम नहीं है। आइए, देखते है कि इलेक्ट्रिसिटी से आपको क्या हानि हो सकती है। 

  • आज के समय में ज्यादातर कार्य बिजली से ही जुड़े हुए है, इसके अचानक से चले जाने से काफी नुकसान हो जाता है। जैसे अचानक लिफ्ट रुक सकती है, खाना कच्चा रह सकता है या फिर बिना पानी के गुजारा करना पड़ सकता है। 
  • कभी कभी लोग गलती से बिजली का तार छू लेते है, इससे काफी जोर का झटका लगता है। कई बार तो हाई वोल्टेज रहने में व्यक्ति की मौत भी हो जाती है। 
  • बिजली के तार के आपस में टकराने से अधिक इलेक्ट्रिसिटी प्रवाहित होने लगती है, जिससे घरों के उपकरण खराब हो सकते है। इसके अलावा आपस में टकराने से इनमें आग भी लग सकती है, जिससे काफी नुकसान होता है। 

निष्कर्ष:- 

इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करने के लिए भी बिजली की आवश्यकता पड़ती है और आजकल हर कार्य इसी पर निर्भर है। इसे सबसे बड़ा खोज कहा जा सकता है क्योंकि अन्य सारे आविष्कृत वस्तुओं का इस्तेमाल करने के लिए इसकी मदद लेनी ही पड़ती है।

उम्मीद करते है आपको हमारा आर्टिकल काफी पसंद आया होगा और सारे सवालों के जवाब भी मिल गए होंगे। यदि आप इसी प्रकार के जानकारी पूर्ण लेख को पढ़ना चाहते है, तो हमारे साथ जुड़ें रहें। 

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