भूगोल क्या होता है? परिभाषा, भेद, महत्व, जाने पूरी जानकारी

भूगोल एक विषय है, जिसके द्वारा हमें पूरे सौरमंडल, ग्रहों, पहाड़, नदियां, स्थल, वायुमंडल, इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। भूगोल की कई सारी शाखाएं होती है, जो विभिन्न भागों के बारे में परिचय देता है। आज के समय में आपको जियोग्राफी के बारे में घर बैठे भी पता चल जाएंगा, इसके लिए आपको इतिहास पलटने की आवश्यकता नहीं है। 

आज के लेख के माध्यम से हम आपको भूगोल के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। यहां हम आपको भूगोल की परिभाषा, उसके प्रकार, महत्व, इत्यादि के बारे में बताएंगे। भूगोल का सिलेबस काफी बढ़ा होता है, विश्व और भारत के लिए अलग अलग जियोग्राफी पढ़ाया जाता है। आपको किसी स्टोर में जाकर बुक खरीदने की जरूरत नहीं है, इस आर्टिकल से ही आपको पूरा जियोग्राफी समझ में आ जाएगा। 

भूगोल क्या है?

भूगोल को अंग्रेजी में जियोग्राफी कहा जाता है,यह एक ग्रीक शब्द है, जो दो शब्दों से मिलकर बना है। geo का मतलब पृथ्वी होता है और graphy का अर्थ होता है किसी चीज़ के बारे में विस्तार से बताना। अर्थात्, जियोग्राफी का पूरा मतलब होता है पृथ्वी के बाहरी सतह और आंतरिक रचना के बारे में लिखित वर्णन। भूगोल के माध्यम से पृथ्वी के ऊपरी स्वरूप और इसके विभिन्न भागों के बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। 

भूगोल से ही हमें जानकारी मिलती है कि पृथ्वी का जन्म कैसे हुआ, इसमें दिन प्रतिदिन कैसे बदलाव हो रहे है और यहां पर स्थित नदियों, पहाड़ों, देश, महादेश, सागर, महासागर, झील, समुद्र, इत्यादि की उत्पति के बारे में इस विषय से ही पता चलता है। इसके अलावा, नक्षत्र, ग्रहों, उपग्रहों, उल्कापिंडो, आकाशीय पिंड, चंद्र, सूर्य, इत्यादि के बारे में भी भूगोल ही बतलाता है। भूगोल के जरिए हमें भारत और विश्व के बारे भी पता चलता है। 

भूगोल का क्या अर्थ है?

भूगोल की उत्पति जियोग्राफी शब्द से हुआ है, जिसका अर्थ पृथ्वी के ऊपरी और आंतरिक भागों के बारे में वर्णन। भूगोल दो शब्दों का मिलान है, भू का अर्थ पृथ्वी होता है और गोल का मतलब कोई भी वृताकार वस्तु। इसका अर्थात है कि पृथ्वी गोल है और भूगोल से ही इसकी उत्पत्ति, ऊपर सतह पर मौजूद झील, नदी, मरुस्थल, पहाड़, समुद्र, इत्यादि के बारे में पढ़ाया जाता है। इसी विषय में हमें पृथ्वी और ब्रह्मांड के बारे में पूरा वर्णन मिलता है। 

भूगोल की परिभाषा क्या है? 

भूगोल की सिर्फ एक ही परिभाषा नहीं है, विश्व के अनेकों विद्वानों ने इसके कई परिभाषा दिए है। आइए, उन्हीं के अनुसार इस विषय के विभिन्न परिभाषा के बारे में जानते है। 

  • स्ट्रेबो के अनुसार, भूगोल में जमीन और महासागरों में रहने वाले जीवों के बारे में और उनके विभिन्न लक्षणों के बारे में और पृथ्वी की विशेषताओं के बारे में ज्ञान प्राप्त किया जाता है। 
  • होम्स के शब्दों में, पृथ्वी पर जितने भी मानव के रहने के लिए स्थान है, उसके बारे में जानकारी पाने के लिए भूगोल ही एक अच्छा माध्यम है। 
  • वर्न हार्ड के अनुसार, पृथ्वी की सतह पर जितने भी स्थल है, उसके बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक केंद्र भूगोल को ही माना जाता है। 
  • इनके अलावा एक अन्य विद्वान कार्ल रिटर ने बताया, भूगोल में पृथ्वी के हर एक सतह के बारे में या उसके तल के बारे में वर्णन मिलता है। उसी के बारे में अध्ययन किया जाता है, जिस पर मानव निवास करते है। 
  • एल. डी. स्टाम्प कहते है कि भूगोल मानव के निवास का रूप में पृथ्वी का वर्णन है। 
  • अन्य विद्वान रिचर्ड हार्डशोर्न के अनुसार, भूगोल का उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक भिन्नता का वर्णन और व्याख्या है। 
  • अंत में अल्फ्रेड हैटनर इसकी परिभाषा देते है, भूगोल धरातल के विभिन्न भागों में करणात्मक रूप से संबंधित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन करता है। 

भूगोल का जनक किसे कहा जाता है?

भूगोल के जनक को लेकर लोगों के बीच कन्फ्यूजन बनी रहती है, पर जियोग्राफी शब्द का सर्वप्रथम उपयोग यूनानी विद्वान द्वारा किया गया था। इसलिए इरेटोस्थनीज को व्यवस्थित भूगोल का पिता कहा जाता है, इन्होंने ने पृथ्वी की परिधि की सही गणना की थी और सूर्य व पृथ्वी के बीच की दूरी का सटीक अनुमान लगाया था। अब आप इन्हें जनक ना मान ले, भूगोल का जनक हिकेटियस को माना जाता है। इन्होंने बताया था कि पृथ्वी जोड़ें थाल से के समान होती है, जो नदियों से घिरी हुई है। उन्होंने ने ही सबसे पहले समझाया था कि सागरों से घिरा हुआ भू भाग है, जो दो महादेशों में बांटा हुआ है। 

अब अगर बात करें आधुनिक भूगोल की, तो इसका जनक हम्बोल्डट और कार्ल रिटर को बोला जाता है। इन दोनों ने मिलकर आज के भूगोल के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। इनके परिभाषा से ही भूगोल को एक नई पहचान मिली है और इस जगत में एक नई क्रांति आई। 

भूगोल के कितने प्रकार होते है?

हालांकि, भूगोल के कई प्रकार होते है, लेकिन मुख्यत: इसके तीन भेदों को ही पढ़ा जाता है। जिनके अनुसार भूगोल को भौतिक और मानवीय परिघटनाओं में बांटा गया है। आइए, इन्हें के बारे में विस्तार से पढ़ते है। 

1. भौतिक भूगोल 

इस भाग में भूगोल के भौतिक परिघटनाओं की व्याख्या और अध्ययन की जाती है। यहां हम मौसम विज्ञान, भूगर्भशास्त्र, रसायन शास्त्र, जंतु विज्ञान, आदि के बारे में जानकारी मिलती है। इसकी कई अन्य उपशाखाएं है जैसे, खगोलीय भूगोल, जलवायु विज्ञान, भू आकृति विज्ञान, जैव विज्ञान, समुद्र विज्ञान और मृदा विज्ञान। 

2. मानव भूगोल 

इसे अंग्रेजी में Human Geography भी कहा जाता है, इस शाखा में पृथ्वी के सतहों और मानव समुदाय के बीच संबंध के बारे में पढ़ा जाता है। हमें इस भाग में मानवीय जनसंख्या, स्थानिक विश्लेषण और पर्यावरण जैसे तीन मुख्य घटक के में पढ़ने को मिलता है। इस भेद के भी कुछ अन्य  उपशाखाएं होती है, जिनके बारे में विस्तार से ज्ञान मिलता है। उनके नाम है, मानवविज्ञान भूगोल, आर्थिक भूगोल, सांस्कृति भूगोल, राजनीतिक भूगोल, सामाजिक भूगोल, ऐतिहासिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल और अधिवास भूगोल। 

3. प्रादेशिक भूगोल 

जियोग्राफी का एक और अहम भाग है, प्रादेशिक भूगोल, जहां हमें प्रदेशों के सीमांकन और मानवीय समानताओं के आधार पर संपूर्ण धरातल का वर्गीकरण के बारे में पढ़ने को मिलता है। यह वह शाखा है, जहां पृथ्वी या इसके किसी भाग को किसी परिमाण को आधार मान कर बांटा जाता है और उनके बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन किया जाता है। इसकी भी अनेक उपशाखाएं है, जैसे- आर्थिक भूगोल, सामाजिक भूगोल, जनसंख्या भूगोल, इत्यादि। 

भूगोल का क्या महत्व है?

हर विषय के अपने महत्व होते है, उसी प्रकार भूगोल पढ़ने के भी कई लाभ है। इससे आपको दुनिया की संरचना, उसके विभिन्न भागों, देश, महादेशों और प्रदेशों के बारे में पता चलता है। आइए, जानते है इसके अन्य लाभ, जो इसे इतना विशेष बनाती है। 

  • भूगोल के अध्ययन से हमें विश्व के सौरमंडल, प्राकृतिक, जीव जंतु, संसाधन, पर्वत, नदी, देश, महादेश, आदि के बारे में जानकारी मिलती है। जीवन यापन के लिए आवश्यक ज्योग्राफिकल वस्तुओं के भी बारे में ज्ञान प्राप्त होता है। 
  • पृथ्वी की भौगोलिक स्थिति जैसे देश, विदेश के वातावरण, प्राकृतिक, सीमाओं, मानवीय रहन सहन, इत्यादि के बारे में भी भूगोल में ही वर्णन किया जाता है। 
  • भूगोल से हमें मानव जाति, उनके निवास का स्थान, जीवन यापन के तरीके, आदि की जानकारी मिलती है क्योंकि पूरे विश्व में भिन्न भिन्न प्रकार के लोग निवास करते है। 
  • भूगोल पढ़ने से हमें मानव इतिहास के बारे भी ज्ञान मिलता है, किस क्षेत्र में किस प्रजाति के लोग रहते है, कहां किसका शासन चलता है और प्राचीन समय में लोग कैसे औजार का उपयोग करते थे, यह सब भी इस विषय में वर्णित है। 
  • इस विषय से हमें धरती पर मौजूद विभिन्न प्रकार के मिनरल्स, परिवहन, संसाधनों के बारे में भी जानकारी मिलती है। इससे हमें ज्ञान होता है कि कौन सा देश किस फसल की खेती करता है और कहां कौन सा खनिज अधिक मात्रा में पाया जाता है। 
  • किस देश की सीमा कहां तक है या फिर किसी प्रदेश से कौन कौन से राज्य सटे हुए है। किस राज्यों से कौन सी रेखा गुजरती है, इन सबके बारे में पढ़ने को हमें भूगोल में मिलता है। इस जानकारी की मदद से विकास योजना बनाने में आसानी होती है। 
  • जियोग्राफी पढ़ कर हमें हर देश, प्रदेश के जनसंख्या की भी डिटेल मिलती है। कौन से सबसे ऊपर है और कहां की जनसंख्या सबसे कम है, इसके अलावा महिला, पुरुष का अनुपात क्या है, जैसी महत्वपूर्ण इनफॉर्मेशन हमें इसी सब्जेक्ट से प्राप्त होती है। 

भूगोल में क्या है करियर विकल्प? 

भूगोल में स्नातक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करके आप कई विभाग में अपना करियर बना सकते है। इसकी पढ़ाई से आपको बड़े बड़े संस्थानों में कार्य करने का मौका मिलता है, जहां कमाई भी अच्छी खासी होती है। 

1. Environmental Advisor

इनका काम अपने कमर्शियल और सरकारी कस्टमर से पर्यावरण से जुड़े नियमों का पालन करवाना और साथ ही कई मुद्दों पर काम करवाना होता है हो पर्यावरण से जुड़े हो। इन्हें किसी सरकारी जल संगठन में नौकरी मिलती है। 

2. Town Planner

एक टाउन प्लानर को शहरों, गांवों, मुहल्ले, इत्यादि के विकास से संबंधित योजना बनाने होते है, जिसमें प्रकृति को कोई नुकसान ना पहुंचे और लोगों का जीवन भी सुरक्षित रहें। पहले से बने प्लान में कुछ बदलाव करना और एनवायरमेंट से जुड़ी समस्या का समाधान निकालना ही इनका काम होता है। 

3. Geographical Information Systems Officer

इन ऑफिसर का काम, अपने GIS से प्राप्त भौगोलिक जानकारी को इकट्ठा करना, संग्रह करना, उनका इवोल्यूशन और फिर मैनेजिंग प्लान बना कर प्रेजेंट करना होता है। इन इन्फॉर्मेशन से एनवायरनमेंट के हिसाब से ही निर्णय लेने होते है। इस फील्ड में रक्षा, दूरसंचार और परिवहन, मौसम विभाग, तेल, गैस, इत्यादि जुड़े रहते है, जहां आपको नौकरी मिल सकती है। 

4 .Weather Forecast

इन्हें मौसम का पूर्वानुमान लगाने के काम सौंपा जाता है, जो विभिन्न मशीनों का प्रयोग करते है और उनसे प्राप्त डेटा को कैलकुलेट करके आने वाले मौसम के बारे में जानकारी देते है। इस विभाग में काम करने वालों को इमरजेंसी प्लानर के रूप में देखा जाता है क्योंकि यह अपनी गणना से आने वाली प्राकृतिक आपदा के बारे में भी लोगों को सतर्क करते है। 

5. Landscape Architect 

इस क्षेत्र में काम करने वालों को विशेष तौर से प्रशिक्षित किया जाता है, इनका प्रमुख कार्य लैंडस्केप की रूप रेखा तैयार करना होता है। पार्क, नदी, तालाब, इंडस्ट्री, नेचर रिजर्व, इत्यादि की नई रूपरेखा तैयार करनी होती है और उसके अनुसार उनका प्रबंधन भी करना होता है। 

निष्कर्ष

सोशल साइंस पढ़ने के लिए हमें तीन सबसे महत्वपूर्ण विषय पढ़ने होते है और उन्हीं में से एक है भूगोल। हमने आपको जियोग्राफी के अर्थ से लेकर, उसे पढ़ने के लाभ तक के बारे में बता दिया है। भूगोल पढ़ कर आप एक अच्छा करियर भी बना सकते है। उम्मीद करते है आपको हमारे आर्टिकल पूरी तरफ से समझ आया होगा। यदि आप भी विभिन्न विषयों के बारे में पढ़ना चाहते है, तो हमारे न्यूजलेटर को जरूर सब्सक्राइब करें। 

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