अर्थशास्त्र का नाम तो आप सबने कहीं ना कहीं जरूरी सुना होगा, स्कूलों में भी कक्षा 9 से इसकी पढ़ाई शुरू हो जाती है और ग्रेजुएशन में भी अर्थशास्त्र को एक विषय के रूप में लेकर पढ़ाई पूरी कर सकते है। अर्थशास्त्र को ही इंग्लिश में Economics बोला जाता है, जिसका हमारे जीवन काफी महत्व है।
आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको अर्थशास्त्र की परिभाषा, उसके प्रकार और इस विषय की लेकर पढ़ने से आप आगे कौन सा करियर चुन सकते है, उन सबके बारे में विस्तार से बताएंगे। इस लेख को अंत तक पढ़े और ढेर सारे जानकारी लेकर जाएं।
अर्थशास्त्र क्या है?
अर्थशास्त्र सिर्फ एक विषय नहीं है, बल्कि हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है। इसके बिना हमारा घर तो क्या, यह पूरा संसार सुचारू रूप से नहीं चल पाएंगा। अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान का हिस्सा होता है, जिसमें हम वस्तुओं की प्रोडक्शन, डिस्ट्रीब्यूशन, एक्सचेंज और उपभोग के बारे में पढ़ते है। अर्थशास्त्र को धन या फिर खर्चों का शास्त्र कहा जाता है, जिसमें हम एक सिस्टम के खर्चों की सही तरीके से चलाने के बारे में सीखते है।
सबसे पहले इस विषय के बारे में एडम स्मिथ ने 1776 में अपनी पुस्तक Wealth of Nation के जरिए बताया था, जिसमें दुनिया के सभी देशों के प्रॉपर्टी के बारे में बताया गया था। बजट बनाना, कम खर्चों में अधिक मुनाफा कमाना ही सही मायने में अर्थशास्त्र कहलाता है।
अर्थशास्त्र की क्या परिभाषा है?
विभिन्न वैज्ञानिकों के अनुसार अर्थशास्त्र की परिभाषा भी विभिन्न होती है, कुछ इसे धन से जोड़ कर देखते है तो कुछ भौतिक कल्याण या विकास से संबंधित इसे मानते है। आज हम आपको अलग अलग महान अर्थशास्त्र वैज्ञानिकों द्वारा परिभाषित इकोनॉमिक्स के बारे में बताएंगे।
एडम स्मिथ के अनुसार, “सामाजिक विज्ञान की वह शाखा, जिसमें वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के विनियम, वितरण और उपभोग का अध्ययन किया जाता है।
वहीं दूसरी ओर डॉ. एल्फ्रेड मार्शल ने इकोनॉमिक्स को भौतिक कल्याण से जोड़ कर एक अलग परिभाषा दी है। उन्होंने अपनी पुस्तक अर्थशास्त्र के सिद्धांत में कल्याण से संबंधित परिभाषा देकर उसे लोगों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
इनके अलावा दो अन्य अर्थशास्त्री लॉर्ड रॉबिंस ने एक बुक प्रकाशित की थी, An Essay On the Nature and Significance of Economics Science, इसमें उन्होंने ने मानवीय आवश्यकताओं को लेकर परिभाषा दी थी कि हमारे जरूरतें अधिक होती है, किंतु उन्हें पूरा करने के लिए साधन सीमित में होते है। इसी तरह मॉडर्न इकोनॉमिस्ट प्रो. सेम्युलसन ने अर्थशास्त्र को विकास का शास्त्र कहा है।
इन सारे कथनों को एक साथ मिला कर एक अलग कॉन्सेप्ट बनाया जा सकता है, अर्थात इकोनॉमिक धन, विकास, दुलर्भता या भौतिक कल्याण का एक शास्त्र होता है। अतः इकोनॉमिक की परिभाषा कुछ इस तरह है, ” अर्थशास्त्र वह शास्त्र है, जिसमें जरूरतों की अधिकतम पूरी करने या भौतिक कल्याण की वृद्धि और विकास के लिए उपयुक्त साधनों का कुशल से उपभोग, साथ ही में उत्पादन, विनियम, इत्यादि का भी अध्ययन होता है।
अर्थशास्त्र कितने प्रकार की होती है?
अर्थशास्त्र को प्रमुख रूप से दो भागों में विभाजित किया जाता है और दोनों ही भागों में अलग अलग इकोनॉमिक के टॉपिक को पढ़ाया जाता है।
1. Microeconomics (व्यष्टि अर्थशास्त्र)
इस भाग में व्यक्तिगत इकाइयों के बारे में पढ़ा जाता है, जैसे व्यक्ति, परिवार, इंडस्ट्री, और विभिन्न वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य इत्यादि का अध्ययन किया जाता है। इसमें यह जानकारी जुटाई जाती है कि बाजारों में व्यक्ति के आंतरिक भाग लेने या क्रिया से वस्तुओं या सेवाओं की कीमत और क्वांटिटी कैसे तय होती है।
2. Macroeconomics (समिष्ठ अर्थशास्त्र)
इस भाग के अंदर देश की अर्थव्यवस्था के बड़े रूप यानी संपूर्ण रूप का अध्ययन किया जाता है। जैसे, कुल राष्ट्रीय आय, कुल मांग, कुल आपूर्ति, कुल उपभोग, कुल बचत, कुल विनियोग, इत्यादि। यहां कुल रोजगार, कुल निर्गत और समग्र मूल्य पर अपना ध्यान रखना होता है और इसी से आगे आप किसी देश की अर्थव्यवस्था समझ पाएंगे।
अर्थशास्त्र का क्या महत्व है?
अर्थशास्त्र हम सबके जीवन में एक खास मायने रखता है, यह किसी देश की आर्थिक विकास के साथ व्यक्ति के भी विकास का उल्लेख करता है। विभिन्न लोगों के जीवन में अर्थशास्त्र का महत्व भी विभिन्न होता है, किंतु सबको प्रतिदिन इसकी आवश्यकता होती है। आइए, आज उन्हीं पहलुओं पर चर्चा करते है।
1. सरकारी कार्यों में अर्थशास्त्र का महत्व
सरकारी कार्यों या विभागों में अर्थशास्त्र एक अहम भूमिका निभाता है।
- कच्चे मालों की आपूर्ति में सहायता देना
अर्थशास्त्र के माध्यम से हमें सीमित भंडार के लिए कोई विकल्प ढूंढने में मदद मिलती है। यदि हमारे देश में तेल की कमी है, तो इसकी कमी को पूरा करने के लिए सरकार अन्य देशों से निर्यात करती है या फिर सौर ऊर्जा से चलने वाले गाड़ियों के बारे में विचार रखती है। अतः इकोनॉमिक्स हमें दूर तक की सोचने और ऑप्शन खोजने में सहायक होती है।
- संसाधनों का वितरण
इकोनॉमिक हमें संसाधनों का वितरण भी करने सिखाता है, इनका वितरण दो तरीकों से किया जाता है। पहला फ्री मार्केट इकोनॉमिक्स और दूसरा कमांड इकोनॉमिक्स, पहले में किसी को भी कुछ भी प्रोड्यूस करने की अनुमति रहती है और उसे किस तरह प्रोड्यूस करना है, यह सब उन्हीं के हाथों में होता है, किंतु उन प्रोडक्ट की कौन खरीदेगा, यह उनके आर्थिक स्थिति पर निर्भर करता है। वही दूसरी तरफ कुछ सीमित रिसोर्स पर सरकार का हक होता है, जिसे केंद्र सरकार ही संचालित करती है।
- गरीबी और विकास में मदद
इकोनॉमिक्स देश की गरीबी को कम करने में भी मदद करती है और विकास के लिए योजना बनाने में भी सहायता करती है। अर्थशास्त्र से बेरोजगारी, कम आय, कम उत्पादन जैसी समस्याओं को हल किया जाता है।
- आर्थिक पूर्वानुमान
अर्थशास्त्र से भविष्य में आर्थिक स्थिति कैसी होगी, इसका भी अनुमान लगाया जा सकता है। हालांकि, यह अनुमान सही ही हो, ऐसा संभव नहीं होता है। इन पूर्वानुमानों से सरकार आने वाली परिस्थितियों के लिए तैयार हो जाती है।
- राष्ट्रीय आय का वितरण
इकोनॉमिक्स की मदद से कोई भी आसानी से इस बात का अंदाजा लगा सकता है कि इनकम को कैसे चार फैक्टर में डिस्ट्रीब्यूट किया जा सकता है। इस कार्य के लिए, इकोनॉमिक मार्जिनल प्रोडक्टिविटी सिद्धांत का सुझाव देता है।
2. लोगों के लिए अर्थशास्त्र का महत्व
अर्थशास्त्र का महत्व विभिन्न क्षेत्रों से जुडे़ व्यक्ति के जीवन में भी होता है।
- प्रोड्यूसर के लिए उपयोगी
अर्थशास्त्र के माध्यम से प्रोड्यूसर सारे महत्वपूर्ण फैक्टर्स को कंबाइन करके अपने प्रोडक्शन कॉस्ट को कम कर सकता है।
- उपभोगता के लिए मददगार
इकोनॉमिक्स की मदद से कंज्यूमर अपने विभिन्न जरूरतों को अच्छे से मैनेज कर पाता है। किस चीज़ या सेवा में कितना खर्च करना है, इन सारे पहलुओं पर उसकी नजर रहती है। इससे वह एक अच्छा जीवन व्यतीत कर पाता है और अपने अन्य चीजों को संभाल भी लेता है।
- मजदूरों के लिए उपयोगी
इस विषय से मजदूरों में इस बात की समझ विकसित होती है कि कैसे वो अधिकतम मजदूरी कमा सकते है और साथ ही उन्हें ट्रेड यूनियन के अधिकारों के बारे में जानकारी मिलती है। इसके अलावा, वो लोग काम के लिए सीमित घंटे तय करते है और उसी के अनुसार भुगतान की मांग भी करते है।
- पॉलिटीशियन के लिए सहायक
यदि किसी नेता के पास अर्थशास्त्र का अच्छा ज्ञान हो, तो वह अपने देश या फिर राज्य की भलाई के लिए आर्थिक समस्याओं का हल खोजने में सक्षम होता है।
- वित्त मंत्री के लिए महत्वपूर्ण
किसी भी देश या राज्य का वित्त मंत्री हर साल के लिए वार्षिक बजट बनाता है, और अर्थशास्त्र टैक्स पॉलिसी व मॉनिटरी पॉलिसी बनाने में मदद करता है।
3. अर्थशास्त्र के अन्य महत्व
सरकार या किसी व्यक्ति के लिए अर्थशास्त्र के अनेकों महत्व है, इसके अलावा इनकी कुछ और भी महत्व होते है जो नीचे दिए गए है।
- इकोनॉमिक रणनीतियां
किसी भी देश में वहां के नेचुरल रिसोर्स की कैसे सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, इस बारे में हम आर्थिक योजना बना सकते है। इससे हमारे देश की आर्थिक स्थिति भी ठीक होती है।
- डेली खर्चों का मैनेजमेंट
आप भले कितना पढ़ लिख ले, पर आपका ज्ञान किसी काम का नहीं यदि आपको इकोनॉमिक्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसकी मदद से आप अपने प्रतिदिन के खर्चों को सही से मैनेज कर पाते है।
- आर्थिक संकट से बचाव
इकोनॉमिक्स से विकसित देश स्वयं की आर्थिक संकटों से बचा कर रखती है। उनका उद्देश्य होता है कि रोजगार बढ़ते रहे और इकोनॉमिक में उछाल आए। इसके लिए किसी भी प्रकार की संकट से बचने के उपाय पहले ही खोज लिए जाते है।
- विकासशील देशों के लिए प्रेरणा
किसी भी विकसित देश की उत्तम आर्थिक स्थिति और उनके रणनीतियों से विकासशील देशों को प्रेरणा मिलती है।
- इंटरनेशनल मार्केटिंग के लिए अनिवार्य
इकोनॉमिक के बारे में जानकारी होने से आप एक इंटरनेशनल मार्केट में खड़े हो सकते है। इससे आप एक्सपोर्ट और इंपोर्ट से अधिकतम प्रॉफिट अर्जित करने के बारे में प्लानिंग कर सकते है और अन्य देशों की बिजनेस पॉलिसी के बारे में आसानी से समझ भी पाएंगे।
अर्थशास्त्र के क्षेत्र में कौन सा करियर बना सकते है?
यदि आपने +2 में आर्ट्स लेकर पढ़ाई की थी और आगे ग्रेजुएशन में विषय को लेकर थोड़े असमंजस में है, तो आपको इकोनॉमिक्स अवश्य लेना चाहिए। इस क्षेत्र में करियर के लिए कई विकल्प मौजूद है। आइए, जानते है उन्हीं हाई प्रोफाइल जॉब के बारे में।
1. Indian Economics Services
इकोनॉमिक्स लेकर पढ़ने वालों के लिए इसे सबसे उत्तम करियर माना जाता है। आईईएस बनने के लिए आपको इसकी परीक्षा में पास करना होता है और वहीं स्टूडेंट अप्लाई कर सकते है, जिन्होंने M.Sc. या M.A. में 55% से अधिक अंक लाए हो। इसमें चयनित होने के बाद आप देश की आर्थिक योजनाओं और विश्लेषण में के लिए काम कर सकते है। आपको योजना बोर्ड, राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण, आर्थिक मामलों के मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, इत्यादि में भी रखा जा सकता है।
2. अर्थशास्त्र प्रोफेसर
यदि आपको पढ़ाना पसंद है, तो आप इकोनॉमिक्स से मास्टर डिग्री लेकर NET या फिर सीटीईटी जैसे एग्जाम दे सकते है। इससे आप किसी विद्यालय में या फिर कॉलेज/यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर के तौर पर पढ़ा सकते है। इसके लिए आपको परीक्षा पास करनी होती है और शुरूआत में अनुभव प्राप्त करना होता है ताकि आप आगे ऊंचे और अच्छे संस्थानों में पढ़ा सकें।
3. रिसर्च और कंसल्टेंसी
अगर आपको रिसर्च में रुचि है और डेटा के मामले में काफी मजबूत है, तो आपको इसे अपने करियर के लिए चुनना चाहिए। इस क्षेत्र में आपको डेटा एकत्र करने होते है, उनकी गहराई से विश्लेषण की जाती है और मार्केट डिमांड के बारे में पहले ही अनुमान लगा लिया जाता है। आप सलाहकार वित्तीय विभाग, दूरसंचार या फिर लेबर और मार्केट एनालिसिस से जुड़ सकते है।
4. Financial Analyst
हमारे देश में इस जॉब को काफी मान सम्मान से देखा जाता है, आप चाहे तो किसी सरकारी विभाग में जा सकते है या फिर किसी कंपनी में भी ज्वाइन कर सकते है। आपको एक स्मार्ट और उचित निवेश निर्णय लेने में उनकी मदद करनी होती है, जिससे उनका मुनाफा हो। इसके लिए आपको पहले ही बाजार की डिमांड, पॉपुलेशन और अन्य फैक्टर की देखना पड़ता है।
5. बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस कंपनियां
बैंकिंग सेक्टर में जाना सबसे लोकप्रिय करियर स्कोप माना जाता है, इसके लिए आपको केंद्र और राज्य स्तर के एग्जाम देने होते है। बैंकिंग के अलावा आप किसी अन्य इंटरनेशनल संगठन में ज्वाइन कर सकते है, जैसे ILO, World Bank, इत्यादि। आप निजी कंपनी में भी अप्लाई कर सकते है, जो फाइनेंशियल और बीमा पॉलिसी से संबंधित हो।
निष्कर्ष
तो दोस्तों, उम्मीद करते है आपको अर्थशास्त्र क्या है, उसके सिद्धांत, महत्व और अन्य सारी जरूरी जानकारी अच्छे से समझ में आई होगी। आपको हमारा आज का लेख कैसा लगा, कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसे ही नई जानकारी के लिए हमसे जुड़ें रहे और अपने दोस्तों के साथ साझा करने ना भूलें।