एडवोकेट जिसे आम बोलचाल में वकील कहते हैं, यह न्यायालय का अधिकारी तथा न्यायतंत्र का एक हिस्सा होते हैं। एडवोकेट का काम है कि न्यायधीश को मुकदमे की जांच करने में मदद करना।
अधिवक्ता कोर्ट में जज के सामने गवाह व सबूत पेश करता है, न्यायधीश उन्हें गवाहों और सबूतों के अनुसार अपना फैसला सुनाते हैं। एडवोकेट के गवाह और सबूत पेश करने की वजह यह होती है कि गुनहगारों को सजा और बेगुनाहों को इंसाफ मिल सके।
वकील अपने ज्ञान के आधार पर अपनी पहचान बनाता है, जिस वकील का ज्ञान जितना ज्यादा होगा उसका रुतबा और उसकी जान पहचान भी उतने ही ज्यादा होती है।
एडवोकेट न्यायपालिका के सामने अपनी बातों को तथ्यों के साथ सलीके से रखता है, और गवाहों और सबूतों के आधार पर वह अपने क्लाइंट को इंसाफ दिलाता है।
यूं तो एडवोकेट कई प्रकार के होते हैं, एडवोकेट को वकील और अधिवक्ता भी कहा जाता है। वकील का काम है न्यायालय में अपने क्लाइंट के पक्ष में मुकदमे लड़ना।
अधिवक्ता कानून का विशेष जानकार और एक्सपर्ट होते हैं। एडवोकेट के पास कानून की डिग्री होती है, और वकील को लीगल प्रैक्टिस करने के लिए बार काउंसिल द्वारा नामांकन सर्टिफिकेट दी जाती है।
आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे कि एडवोकेट बनने के लिए एजुकेशन क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहिए, वकील बनने का प्रोसेस क्या है? और एडवोकेट बनने के लिए क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए।
एडवोकेट बनने के लिए योग्यताएं
किसी भी फील्ड में कैरियर बनाने के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है, शिक्षा के बिना कोई भी सम्मानजनक पद प्राप्त नहीं किया जा सकता है। आप किसी भी फील्ड में जाना चाहे न्यूनतम शिक्षा प्राप्त करना अनिवार्य है।
इसी तरह यदि कोई एडवोकेट बनना चाहता है तो अभ्यार्थी को 12वीं में 50 परसेंट अंको से पास होना अनिवार्य है।
यदि ग्रेजुएशन में 50% अंक प्राप्त किया है तो लॉ के 3 के साल कोर्स में एडमिशन ले सकता है।
लॉ के 5 साल सिलेबस में एडमिशन लेने के लिए अभ्यर्थी को कॉमन लॉ ऐडमिशन टेस्ट परीक्षा पास करने की आवश्यकता होती है। यदि यह परीक्षा पास कर लेते हैं तो अभ्यर्थी को लॉ के 5 वर्षीय सिलेबस में एडमिशन मिल जाता है।
बहुत सारे लोगों का सपना प्रोफेशनल एडवोकेट बनने का होता है, इसके लिए अभ्यर्थी मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करते हैं। कड़ी परिश्रम करने के बाद बहुत सारे लोग सफलता प्राप्त कर लेते हैं, तो वहीं कई लोग असफल भी हो जाते हैं।
यदि आप भी एडवोकेट बनना चाहते हैं तो 12वीं के बाद कॉमन लॉ ऐडमिशन टेस्ट एग्जाम पास करके इस फील्ड में अपना कैरियर बना सकते हैं, और रोजगार का सुनहरा अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
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एडवोकेट बनने के लिए आवश्यक पात्रता
एडवोकेट के तौर पर यदि कोई व्यक्ति अपना कैरियर बनाना चाहते हो तो पात्रता से संबंधित कुछ क्राइटेरिया को पूरा करना जरूरी हो जाता है। आइए जानते हैं एडवोकेट बनने के लिए क्या-क्या क्राइटेरिया को पूरा करना आवश्यक है।
इसमें शामिल कुछ महत्वपूर्ण पात्रता क्राइटेरिया निम्नलिखित है:
- अभ्यार्थी के लिए किसी भी एजुकेशन स्ट्रीम से मिनिमम बैचलर डिग्री की एजुकेशन प्राप्त करना आवश्यक होता है।
- साथ ही साथ कानून शिक्षा की एलएलबी डिग्री को उसके बाद प्राप्त करना भी अनिवार्य होता है।
- जो अभ्यार्थी 12वीं के बाद कानून संबंधी एजुकेशन हासिल करना चाहते हो उनके लिए इंटीग्रेटेड कोर्स का ऑप्शन उपलब्ध होता है।
- जिसके अंतर्गत B.A LLB, B.Sc LLB, B.Com LLB इत्यादि विकल्प दिए हुए रहते हैं। अभ्यर्थी को इस में से किसी एक एजुकेशन ऑप्शन को पूरा करना जरूरी होता है।
- इंडिया के अनेकों विश्वविद्यालयों में कानून की शिक्षा डिपार्टमेंट अंतर्गत पात्रता एग्जाम सी एल ए टी (Common Law Admission Test) का आयोजन किया जाता है।
- जिन अभ्यर्थियों को इंटीग्रेटेड कोर्स में एडमिशन लेना हो तो उनके लिए इस पात्रता परीक्षा को पास करना जरूरी होता है।
अभ्यार्थी B.A LLB करते हुए किसी भी विषेश क्षेत्र जैसे कि कॉपरेटिव लॉ, पेटेंट लॉ, क्रिमिनल लॉ, साइबर लॉ, फैमिली लॉ, टैक्स लॉ, बेकिंग लॉ, इंटरनेशनल लॉ, रियल स्टेट लॉ और लेबर लॉ इत्यादि मैं विशेषता हासिल करनी होती है।
ताकि अभ्यार्थी आगे चलकर के उसी विशेष सब्जेक्ट में वकालत कर सके। और एडवोकेट के फील्ड में अपना कैरियर बना सके।
लॉ के कोर्स कुछ इस प्रकार के होते हैं
अब आइए जानते हैं लॉ के अंतर्गत आने वाले कोर्स के बारे में, लॉक के अंतर्गत आने वाले कोर्स कुछ इस प्रकार के होते हैं:
- कॉरपोरेटर लॉ
- क्रिमिनल लॉ
- साइबर लॉ
- पेटेंट अटॉर्नी
- फैमिली लॉ
- टैक्स लॉ
- बैंकिंग लॉ
1. कॉर्पोरेट लॉ
कॉरपोरेट लॉ के अंतर्गत पूरी दुनिया में होने वाले क्राइम्स के लिए रोल और लॉ का स्टडी किया जाता है। और पैटर्न लॉ के जरिए कॉरपोरेट सेक्टर में होने वाले क्राइम के रोकथाम के लिए, साथ ही साथ फाइनेंस प्रोजेक्ट, टेक्स्ट लाइसेंस, ज्वाइन स्टॉक से रिलेटेड काम किए जाते हैं।
2. क्रिमिनल लॉ
लॉ में सबसे प्रसिद्ध क्रिमिनल लॉ माना जाता है, क्रिमिनल लॉ के बारे में स्टडी अभ्यर्थी को करना पड़ता है। जब तक छात्र क्रिमिनल लॉ का अध्ययन नहीं करते उस वक्त तक क्राइम और उसके प्रति कानून प्रावधान की जानकारी प्राप्त नहीं कर सकते।
इसलिए क्रिमिनल लॉ का अध्ययन हर छात्र को करना जरूरी होता है। इसके अध्ययन के बाद ही क्राइम और उसके प्रति कानून प्रावधान की संपूर्ण जानकारी प्राप्त होतीहै।
3. साइबर लॉ
साइबर क्राइम के तहत अभ्यर्थी को साइबर क्राइम से जुड़ी तमाम जानकारी और कानून प्रावधान प्राप्त की आवश्यकता होती है। साइबर क्राइम को रोकने के लिए, और गुनहगारों को सजा दिलाने के लिए साइबर लॉ का अध्ययन किया जाता है। इसके अध्ययन के बाद ही साइबर क्राइम से निपटने और उसके लिए सजा का प्रावधान किया जा सकता है।
4. पेटेंट अटॉर्नी
पेटेंट अटॉर्नी यह एक ऐसा अधिकार होता है, जिसके तहत कोई भी इंसान किसी चीज पर अपना संपूर्ण अधिकार रखता है। यानी कि पेटेंट अटॉर्नी किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार देता है कि उसकी चीजों को उसकी मर्जी या सहमति के बिना कोई दूसरा शख्स उस अधिकार को इस्तेमाल नहीं कर सकता है।
इस कानून के अध्ययन के बाद अधिवक्ता अपने क्लाइंट को उसका अधिकार दिला सकता है, इसलिए अभ्यर्थियों के लिए पेटेंट अटॉर्नी का अध्ययन करना बहुत जरूरी होता है।
5. फैमिली लॉ
फैमिली लॉ क्षेत्र में महिलाएं सबसे ज्यादा रुचि रखती हैं, कहा जाता है कि महिलाओं का सबसे पसंदीदा क्षेत्र फैमिली लॉ है। इस लॉ के अंतर्गत डिवोर्स, एडॉप्शन, मैरिज, पर्सनल लॉ, गार्जियनशिप और अन्य सभी तरह के परिवारिक मामले आते हैं।
देश के सभी राज्य में पारिवारिक मामलों को सुलझाने के लिए फैमिली कोर्ट की स्थापना की गई है, ताकि परिवार के नोकझोंक और अन्य मामले को फैमिली कोर्ट में सुलझाया जा सके।
6. टैक्स लॉ
टैक्स लॉ के अंतर्गत सभी तरह के टैक्स से संबंधित मामले आते हैं, जैसे कि इनकम टैक्स, सर्विस टैक्स, सेल टेक्स इत्यादि संबंधित मामलों को सुलझाने के लिए टैक्स लॉ का प्रयोग किया जाता है।
इस लॉ के अध्ययन के बाद अधिवक्ता अपने क्लाइंट के टैक्स से रिलेटेड सभी समस्याओं को कानूनी प्रावधान के तहत सुलझाने में मदद करता है।
बड़े बड़े बिजनेसमैन टेक्स लॉ के अध्ययन करने वाले अधिवक्ता से कंसल्ट कर के अपनी समस्याओं को सुलझाने में उनकी मदद लेते हैं, और इसके बदले में वह अधिवक्ता को भारी-भरकम फीस भी देते हैं।
7. बैंकिंग लॉ
बैंकिंग लॉ के अंतर्गत बैंक से संबंधित तमाम तरह के कार्य आते हैं, जैसे कि लोन, लोन रिकवरी और बैंकिंग एक्सपर्ट इत्यादि समस्याओं को बैंकिंग लॉ द्वारा सुलझाया जाता है।
अभ्यार्थी को बैंकिंग लॉ के अंतर्गत बैंकिंग से संबंधित तमाम तरह के समस्याओं को निपटाने के लिए नियम और कानून का अध्ययन करवाया जाता है।
क्या एडवोकेट को इंग्लिश जानना जरूरी है?
अगर आम लफ्जों में इस प्रश्न का उत्तर दिया जाए तो एडवोकेट को इंग्लिश आनी जरूरी है। आपको बता दें कि कोर्ट में होने वाली अधिकतर कार्यप्रणाली इंग्लिश में ही होती है।
इसकी एक खास वजह यह भी है कि हमारे देश में जितने भी कोर्ट हैं उन तमाम कोर्टों की ऑफिशियल लैंग्वेज अंग्रेजी ही है। यानी की अंग्रेजी ज्ञान के बिना आप लिए कोर्ट में काम करना कठिन हो सकता है।
इसके अलावा महत्वपूर्ण बात यह है कि आपने देखा होगा कि हमारे देश में अंग्रेजी का बहुत ज्यादा प्रभाव है। यदि किसी व्यक्ति को अंग्रेजी नहीं आती है तो लोग समझते हैं कि उसको किसी चीज का बहुत ज्ञान नहीं है।
हालांकि ऐसी कोई बात नहीं है, सच तो यह है कि बहुत सारे ऐसे ज्ञानी लोग भी हैं जिन्हें अंग्रेजी बहुत कम आती है। लेकिन कोर्ट के मामले में एडवोकेट को अंग्रेजी आनी ही चाहिए।
क्योंकि एक अच्छा एडवोकेट बनने के लिए, और कोर्ट में एक जाने-माने एडवोकेट की हैसियत बनाने के लिए, आपको अंग्रेजी भाषा का ज्ञान होना बहुत ही ज्यादा जरूरी है।
अब प्रश्न यह होता है कि कितना अंग्रेजी आना चाहिए जिससे काम चल जाए? तो इसका आसान सा जवाब यह है कि आपको बहुत हाई फाई अंग्रेजी नहीं भी आती है तब भी काम चल जाएगा।
यानी कि कम से कम अंग्रेजी इतनी आनी चाहिए कि आप लिख पढ़ लेते हों, और हल्का फुल्का कम्युनिकेशन भी कर लेते हों, यदि इतना भी आता है तो आप एडवोकेट के तौर पर अपना कैरियर बना सकते हैं, और साथ ही साथ आप अपनी इंग्लिश को भी इंप्रूव कर सकते हैं।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको एडवोकेट बनने से संबंधित सारी जानकारी दी है, हमने आपको बताया कि एडवोकेट बनने के लिए क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए? हमने आपको यह भी बताया कि एडवोकेट बनने के लिए आवश्यक पात्रता क्या है।
साथ ही साथ हमने आपको यह भी जानकारी दी है कि लॉ के कौन-कौन से कोर्स हैं, एडवोकेट बनने के लिए क्या प्रोसेस है? और एक एडवोकेट को कितनी इंग्लिश आनी चाहिए।
आशा करते हैं कि हमारा यह आर्टिकल आपको बेहद पसंद आया होगा, और इस आर्टिकल के माध्यम से आपके नॉलेज में वृद्धि हुई होगी। तो आप इस आर्टिकल को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि उन्हें भी इस इनफॉर्मेटिव आर्टिकल से लाभ उठाने का मौका मिले।