भारत की राजधानी क्या है? कब बनी दिल्ली भारत की राजधानी, जाने पूरे इतिहास

स्कूल के बच्चों से लेकर बड़े उम्र के लोगों से भी कई बार पूछ दिया जाता है कि भारत की राजधानी क्या है? तो इसका जवाब है नई दिल्ली। नई दिल्ली सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और अपने अनोखे संरचना के लिए भी आए दिन यहां पर्यटकों को भीड़ लगी रहती है। आप सभी को अपने देश की राजधानी के बारे में जरूर जानना चाहिए, यह कब कैपिटल बना, इसका इतिहास क्या था, वर्तमान में इसकी स्थिति क्या है, इत्यादि। 

आज हम आपको अपनी नई दिल्ली के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जो आपके लिए जानना अति आवश्यक है। इस देश के नागरिक होने के नाते, आपको इसके बारे में एक एक चीज़ पता होनी चाहिए। यहां आर्टिकल में हम आपको विभिन्न राजाओं के काल में दिल्ली का इतिहास के भी बारे में बताएंगे और साथ ही इसके प्रमुख पर्यटक स्थलों की भी इन्फॉर्मेशन शेयर करेंगे। 

भारत की राजधानी क्या है?

हमारे देश भारत की राजधानी नई दिल्ली है, जो एक केंद्र शासित प्रदेश है। देश में मौजूद चार महानगरों में एक नई दिल्ली भी है। इसका एरिया 1484 वर्ग किलोमीटर है और देश में जनसंख्या के अनुसार दूसरे नंबर पर आता है।

यहां गरीबी का भी प्रतिशत दूसरे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुकाबले कम है, अमीरी के मामले में यह दूसरे नंबर पर आता है।

हमारे देश की तीनों तंत्र, कार्यपालिका, न्यायपालिका और व्यवस्थापिका का कार्यालय भी इसी राजधानी में मौजूद है। राष्ट्रपति भवन भी नई दिल्ली में ही है और गणतंत्र दिवस व स्वतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण भी नई दिल्ली में ही किया जाता है। 

नई दिल्ली का प्राचीन नाम क्या था? 

नई दिल्ली को पहले सिर्फ दिल्ली के नाम से जाना जाता था, जिसे नई दिल्ली का नाम 1927 में दिया गया। इसका प्राचीन नाम इंद्रप्रस्थ हुआ करता था, इंद्रप्रस्थ का मतलब होता है इंद्रदेव का शहर जहां वह निवास करते थे।

महाभारत में इस पांडुओं की भी राजधानी कहां जाता था और आज यह हमारे देश भारत की राजधानी बनी हुई है। यहां अनेकों राजाओं और सुलतान से शासन किया है और हर इतिहास में इसे सबका प्रिय प्रदेश माना गया है। 

नई दिल्ली को भारत की राजधानी कब बनाया गया?

हालांकि, इस सवाल को लेकर कई लोगों के मन में शंका रहती है क्योंकि विभिन्न लोग इसके हजारों जवाब देते है। दिसंबर, 1911 में ब्रिटेन के राजा जॉर्ज पंचम द्वारा नई दिल्ली को राजधानी बनाने का फैसला सुनाया गया था।

1912 से इसका निर्माण दक्षिण क्षेत्र से शुरू किया गया, फिर इसकी वास्तुकला की योजना दो ब्रिटिश वास्तुकारों, सर हार्बर्ट बेकर और सर एडविन लुटीयन द्वारा बनाई गई। अंत में 13 फरवरी, 1931 को आधिकारिक तौर से नई दिल्ली का उद्घाटन किया गया और इसे भारत की राजधानी बनाई गई। 

नई दिल्ली का इतिहास क्या है? 

यदि आप नई दिल्ली का इतिहास पढ़ने जाएंगे, तो वह जल्दी खत्म नहीं होगा। यहां कई शासकों ने शासन किया है, 7 बार इस राजधानी को नष्ट किया गया था और 7 बार इसे पुनर्जीवित भी किया गया है। अंत में आप देख सकते है कि आज भी नई दिल्ली जीवित है और अपने देश की शान बनी हुई है।

अनेकों राजाओं के समय इसमें कई बदलाव भी किए गए और उनके शासनकाल में कई ऐतिहासिक घटनाएं भी नई दिल्ली में घटी। 

1. प्राचीन काल में

प्राचीन समय से ही दिल्ली का नाम इतिहास में शामिल है, महाभारत में भी इसका जिक्र किया गया है। इसे इंद्रप्रस्थ के नाम से भी जाना जाता है, अर्थात इंद्रदेव का निवास स्थल।

पांडवों ने इसे करीब 1400 ईसा पूर्व अपनी राजधानी बनाई थी और तभी से इसका नाम इंद्रप्रस्थ रखा था। 

2. राजपूत राजाओं के काल में

तोमर राजपूत वंश ने 8वीं शताब्दी में नई दिल्ली में शासन किया था, उस समय दिल्ली सबसे शक्तिशाली राज्य था और शक्तिशाली राजाओं के लिए उतराधिकारी का केंद्र भी रहा था।

उस दौरान कई बार इसे बर्बाद किया गया और पुनर्निर्माण भी किया गया। यहां राजपूतों ने 457 वर्षो तक शासन किया था। 

3. दिल्ली सल्तनत के काल में

अब तक सबसे अधिक कालों तक दिल्ली पर शासन करने के लिए दिल्ली सल्तनत की जाना जाता है। इन्होंने पर 1206 से लेकर 1526 तक यहां अपना हुकुम चलाया था।

इसी काल में कुतुब-उद-दीन-ऐबक ने कुतुबमीनार का निर्माण करवाया था, जो एक मामलुक राजवंश(1206-1290) का शासक था। उसके बाद खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैय्यद वंश, लोदी वंश शासक बने। सभी ने अपने शासनकाल में कई इमारतों को बनवाया था। 

4. मुगल काल में

अंतिम दिल्ली सल्तनत के बाद बाबर ने शासन करना शुरू किया। उनके बाद मुगल बादशाह हुमायूं ने 14वीं शताब्दी में दीन-ए-पनाह का निर्माण करवाया, जिसे अब पुराना किला के नाम से जाना जाता है। उसके बाद शेर शाह सूरी ने हुमायूं को हराकर राजधानी को सुशोभित किया।

इनके बाद अकबर ने शासन किया, और फिर जहांगीर दिल्ली की गद्दी पर बैठे। जहांगीर के बाद शाहजहां ने कुछ वर्षो तक शासन किया और अंत में औरंगजेब ने गद्दी संभाली।

उनके बाद भी कुछ मुगल शासक रहे, किंतु उनके बाद कोई खास चर्चा नहीं होती है। इनके काल में ही सबसे अधिक इमारतों का निर्माण हुआ था और इन्होंने राजधानी को सजाने में कोई कमी नहीं रखी थी। 

5. ब्रिटिश राज में

ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने दिल्ली पर कब्जा करने के लिए मराठों को हराया और फिर 1911 में राजधानी को कोलकाता से दिल्ली को बना दिया।

पुराने बिल्डिंग को तोड़ दिया गया और नए तरीके से इसका निर्माण करवाया गया। 1931 में आधिकारिक रूप से नई दिल्ली को भारत की राजधानी बनाई गई। हमारे देश की आजादी मिलने के बाद नई दिल्ली को संपूर्ण रूप से राजधानी बना दिया गया। 

वर्तमान में नई दिल्ली के मुख्यमंत्री कौन है? 

वर्तमान में नई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल है, जिन्होंने ने 2012 में एक पार्टी का निर्माण किया था, जिसका नाम था आम आदमी पार्टी (AAP)।

इन्होंने ने आईआईटी खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और उसके बाद इंडियन रिवेन्यू सर्विस में अधिकारी के तौर पर कार्य भी किया था। अरविंद जी ने आरटीआई कार्यकर्ता के रूप में अपने अच्छे कार्यों के लिए रेमन मैग्सेसे अवार्ड भी जीता है। 

राजनीति में आने की प्रेरणा इन्हें अन्ना हजारे से मिली थी, जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लंबे समय तक हड़ताल किया था।

इसके बाद ही उन्होंने अपनी एक अलग राजनीतिक पार्टी भी बनाई, जिसका उद्देश्य देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराना और आम जनता को सारी सुविधा उचित तरीके से उपलब्ध करवाना ही है। 

भारत की पुरानी राजधानी किसे कहा जाता है?

भारत की पुरानी राजधानी कलकत्ता को बोला जाता है, जिसे आप कोलकाता के नाम से जाना जाता है। भारत की नई राजधानी नई दिल्ली 13 फरवरी, 1931 में बनी है, उससे पहले कोलकाता ही कैपिटल हुआ करता था।

हालांकि, अधिकांश राजनीतिक या फाइनेंशियल ऑफिस नई दिल्ली में मौजूद थे, इसलिए इसे नई राजधानी बना दी गई। 

नई दिल्ली को भारत की राजधानी क्यों बनाया गया?

नई दिल्ली से पहले, कोलकाता को भारत की राजधानी में रूप में जाना जाता था। ब्रिटिश सरकार ने दो प्रमुख कारणों से नई दिल्ली को राजधानी बनाने का निर्णय लिया, आइए जानते है उन दोनों वजहों के बारे में। 

  • दिल्ली पर पहले भी कई शासकों ने राज किया था, जिसमें अंतिम मुगलों का शासन था। उनके शासनकाल में इस शहर का काफी विकास भी हुआ था और राजनीतिक पकड़ भी अच्छी थी। इस वजह से अंग्रेजी सरकार ने भी इसे राजधानी बनाने का फैसला लिया, ताकि इसके केंद्र में रहने से शासन में आसानी होगी। 
  • 1905 में बंगाल विभाजन के समय पश्चिम बंगाल में कई विद्रोह होने शुरू हो गए थे, जिस वजह से वहां अन्य कार्य कर पाना असंभव हो गया था। उन पर रोक लगाने के लिए ही सरकार ने नई दिल्ली को अपना राजधानी चुना। 

नई दिल्ली में प्रमुख पर्यटक स्थल कौन-कौन से है?

नई दिल्ली को आज भी भारत की राजधानी बोला जाता है, इसकी एक वजह यहां के खास पर्यटक स्थल भी है। इनकी कारण ही नई दिल्ली में लोगों की आए दिन भीड़ लगी रहती है, देश-विदेश से लोग यहां भ्रमण करने आते है।

आपको बताते है उन्हीं खास टूरिज्म स्थानों के बारे में विस्तार से। 

1. इंडिया गेट

नई दिल्ली का सबसे प्रसिद्ध स्थल इंडिया गेट की कहा जाता है, इसका निर्माण 1931 में पूर्ण किया गया था। इसे प्रथम युद्ध और अफगानिस्तान युद्ध के शहीदों के लिए एक यादगार स्मारक के रूप में भी जाना जाता है।

रात में घूमने लिए इसे अधिक उत्तम माना जाता है, उस समय इसकी सुंदर रौशनी देखने लायक होती है। अधिकांश पर्यटक यहां घूमना पसंद करते है और अपने साथ एक अच्छी मेमोरी लेकर जाते है। 

2. अक्षरधाम मंदिर

इस मंदिर को विश्व में सबसे बड़े हिंदू मंदिर के रूप में जाना जाता है। इसके भव्य स्वरूप को देखने ही अधिकांश लोग आए है और अपने परिवार के साथ पूजा अर्चना करते है।

यह मंदिर स्वामीनारायण का मंदिर है, जिसे गुलाबी और संगमरमर पत्थरों से बनाया गया है। जिन्हें रात में घूमना पसंद है, उनके लिए यह एक अच्छा विकल्प हो सकता है। 

3. लाल किला

लाल किला तो विश्व प्रसिद्ध है, इसे नई दिल्ली का सबसे पुराना स्थल माना जाता है। इसका निर्माण 1638 में किया गया था, इसे एक महान मुगल स्मारक के रूप में भी जाना जाता है।

इसे पूरे लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है और अद्भुत वास्तुकला से इसे सुसज्जित किया गया है। यहां पर साउंड शो भी करवाया जाता है, जो एक आकर्षण का केंद्र है। लाल किला दोस्तों और परिवारों के साथ घूमने ले लिए एक अच्छा स्थल है। 

4. राष्ट्रपति भवन

इसे घूमने सबके लिए सुलभ नहीं है, पर आज भी इसे एक दर्शनीय स्थल के रूप में देखा जाता है। दिल्ली के लोगों के बीच इसकी भी लोकप्रियता बनी हुई है, यह अपने बड़े एरिया के चलते फेमस है।

इसमें लगभग 340 कमरे है और 200,000 वर्ग फुट में यह फैला हुआ है। मुगल गार्डन को वर्ष में किसी एक महीने आम जनता के लिए खोला भी जाता है। 

5. कुतुब मीनार 

इसका निर्माण मुगल काल में किया गया था, जो दिखने में लंबा है और इसकी नक्काशी भी रहस्यमयी लगती है। नई दिल्ली में घूमने के लिए इसे भी प्रमुख पर्यटक स्थल माना जाता है।

इसे कुतुब-उद-दीन-ऐबक ने बनवाया था और इसका नाम उसी के नाम पर रखा गया। पांच मंजिल ईटो से बना हुआ यह इमारत 73 मीटर का है। यदि आपको शांत जगह पसंद है, तो आप यहां आकर घूम सकते है। 

6. जामा मस्जिद

इसे भारत का सबसे पुराना मस्जिद कहा जाता है, शाहजहां से इसका निर्माण करवाया था। इसकी नक्काशी इंडो इस्लामिक और मुगल वास्तुकला से की गई है। ईद के समय यहां काफी भीड़ लगती है और कई हजारों की संख्या में लोग इस पर आस्था रखते है।

यदि आपको यहां घूमना है, तो सुबह ही आएं। अगर आप कुछ फोटो खींचना चाहते है, तो उसके लिए आपको यहां फीस देनी होती है, तभी अपना मोबाइल ले जा सकते है। 

7. हुमायूं का मकबरा 

जिस तरह आगरा का ताजमहल प्रेम का प्रतीक है, उसी तरह हुमायूं का मकबरा भी है। इसका निर्माण हुमायूं की पत्नी हाजी बेगम ने करवाया था।

लाल पत्थर और संगमरमर से बना यह मकबरा आज भी अपनी खूबसूरती बरकरार रखा हुआ है। चारों तरफ हरियाली फैली हुई है और आस पास अन्य खास मुगलों के सदस्यों का भी मकबरा बना हुआ है। इसकी सुंदर कलात्मक संरचना देखने योग्य है, दरवाजे की कला भी बखूबी तरीके से तराशी गई है। 

निष्कर्ष:

आज हमने आपको अपने देश भारत की राजधानी के बारे में बताया है और साथ ही उसके इतिहास का भी वर्णन किया है। उम्मीद करते है आपको हमारे लेख मददगार लगा होगा और अपनी राजधानी के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी।

यदि आपको अपने देश या अन्य किसी जानकारी भरी पोस्ट के बारे में पढ़ना है,तो हमारे पेज को लाइक और सब्सक्राइब जरूर करें। हम आपके लिए इसी तरह और आर्टिकल लाते रहेंगे और आपकी ज्ञान में वृद्धि करते रहेंगे। 

Leave a Comment