कलेक्टर कैसे बने, जानिए कलेक्टर बनने का पूरा प्रोसेस विस्तार पूर्वक

कलेक्टर एक जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है, क्योंकि कलेक्टर को एक पूरे जिले की जिम्मेदारी दी जाती है। हर जिले में एक कलेक्टर जरूर होता है, जो कानून व्यवस्था को बरकरार रखने में राज्य सरकार की मदद करता है। आज देश का हर युवा कलेक्टर बनना चाहता है, कलेक्टर का पद सम्मानीय और प्रतिष्ठित पद माना जाता है। असल में कलेक्टर का पद गौरवशाली और ऊंचा पद होता है।

कलेक्टर के ऊपर पूरे जिले के प्रशासनिक जिम्मेदारी होती है, इसलिए कलेक्टर को जिला अधिकारी भी कहा जाता है। कलेक्टर को जिले के हर छोटे बड़े सभी प्रकार के काम करने होते हैं। सम्मानजनक पद को हासिल करना इतना आसान नहीं है, इसके लिए युवाओं को दिन-रात परिश्रम करना होता है, उसके बाद कामयाबी मिलती है, और तब जाकर इस पद पर विराजमान होते हैं।

आज देश के हर वर्ग के युवा पढ़ लिखकर एक सम्मानजनक पद हासिल करना चाहता है, बहुत सारे युवा कलेक्टर बनकर इज्जत और प्रतिष्ठा प्राप्त करने के साथ-साथ देश की सेवा करना चाहते हैं।

कलेक्टर बनने के लिए जुनून के साथ कड़ी मेहनत, शख्त परिश्रम के साथ सही दिशा की ओर कदम बढ़ाने की आवश्यकता होती है, और लगातार कई सालों तक सही ढंग से पढ़ाई करने की जरूरत होती है। 

तब जाकर सफलता हासिल होती है, और अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करता है, साथ ही साथ पूरे जिले का मालिक बन कर देश और जिला वासियों की सेवा करने का अवसर मिलता है।

कलेक्टर कैसे बने?

यदि आप भी कलेक्टर बनना चाहते हैं, या अपने परिवार के किसी सदस्य को कलेक्टर बनाना चाहते हैं, तो आप हमारे साथ बने रहें, हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पूरी जानकारी देने वाले हैं।

आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताएंगे कि कलेक्टर बनने के लिए एजुकेशन क्वालिफिकेशन क्या होनी चाहि?, किस उम्र तक आप कलेक्टर बन सकते हैं? कलेक्टर बनने के लिए पढ़ाई करने का सही तरीका क्या है? कलेक्टर बनने के लिए तैयारी कैसे करें? यह सारी बातें आपको विस्तार पूर्वक बताने वाले हैं।

कलेक्टर बनने का प्रोसेस

कलेक्टर बनने के लिए देश का सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी क्रेक करना होता है। इस परीक्षा को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित करवाया जाता है।

इसके लिए कैंडिडेट को 12वीं पास करने के बाद ग्रेजुएशन पूरा करना होता है, उसके बाद यूपीएससी एग्जाम के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस परीक्षा को सिविल सेवा परीक्षा भी कहा जाता है।

आपने तो आईएएस अधिकारी और यूपीएससी एग्जाम का नाम सुन रखा होगा, यूपीएससी क्रेक करने के लिए कैंडिडेट को परीक्षा पास करना होता है, और उससे भी कठिन कार्य यूपीएससी का इंटरव्यू होता है। यदि यूपीएससी एग्जाम पास कर लेता है, और इंटरव्यू में कामयाब हो जाता है तो अब उम्मीदवार आईएएस अधिकारी बन जाते हैं। 

कहा जाता है कि जितना ऊंचा पद होता है, उस पद को प्राप्त करने के लिए उससे कहीं ज्यादा कठिन परिश्रम करना पड़ता है, यदि कोई इस परिश्रम को पार कर लेता है तो अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है।

कलेक्टर बनने का प्रोसेस भी कुछ इसी प्रकार का है, आपको निर्देशन करने के बाद देश का सबसे कठिन एग्जाम यूपीएससी क्रेक करना होता है, तब जाकर आप कलेक्टर के ऊंचे पोस्ट को प्राप्त करते हैं।

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कलेक्टर बनने के लिए योग्यता

सबसे पहले आप यह जाने की कलेक्टर बनने के लिए क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए, क्योंकि कलेक्टर बनने के लिए हमें योग्यता के बारे में जानना जरूरी है।

बहुत सारे विद्यार्थी ऐसे होते हैं जिनको योग्यता के बारे में मालूम नहीं होता है, और वह कलेक्टर बनने के लिए आवेदन कर देते हैं, जिसके कारण उनके आवेदन को रिजेक्ट कर दिया जाता है।

सबसे पहले विद्यार्थी को किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करना अनिवार्य है। यानी के 12वीं के बाद ही कोई भी कैंडिडेट कलेक्टर बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

कलेक्टर बनने के लिए आइए जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण योग्यता के बारे में:

  •  सबसे पहले कैंडिडेट भारत का स्थाई नागरिक होना चाहिए।
  •  सामान्य वर्ग के लोगों की उम्र 21 वर्ष से 32 वर्ष तक होनी चाहिए।
  • विद्यार्थी किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो।
  • ओबीसी कैटेगरी के विद्यार्थियों को 3 साल की अतिरिक्त आयु सीमा में छूट मिलती है।
  • एससी एसटी कैटेगरी के लोगों को आयु सीमा में 5 वर्ष की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
  • कैंडिडेट किसी भी तरह की जानलेवा बीमारी से पीड़ित नहीं होना चाहिए।

यह तमाम योग्यताएं होने के बाद ही कैंडिडेट यूपीएससी की होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। यदि इनमें से कोई एक भी योग्यता ना पाई जाए तो वह यूपीएससी की होने वाली परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता है।

कलेक्टर बनने के लिए फॉर्म कैसे अप्लाई करें

किसी भी प्रकार के आवेदन करने के लिए सबसे पहले फॉर्म अप्लाई करना होता है, कैंडिडेट द्वारा सही तरीके से फॉर्म नहीं भरने की सूरत में उनका फॉर्म रिजेक्ट कर दिया जाता है।

विद्यार्थी को फॉर्म भरने के लिए सबसे पहले उनको UPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना होगा, यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट पर फॉर्म भरने करने की सुविधा उपलब्ध होती है।

सबसे पहले आपको आवेदन फॉर्म को खोलना होगा, फार्म को खोलने के बाद आप उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें, उसके बाद मांगा गया जरूरी जानकारी को सही-सही भरना होगा।

मिसाल के तौर पर फॉर्म में मांगा गया जानकारी जैसे कि नाम, पिता का नाम, एड्रेस, कांटेक्ट नंबर इत्यादि अन्य विवरण को सही प्रकार से भरने के बाद, आपको उस आवेदन को संबित करना होगा।

फॉर्म भरने के लिए आपको इन जरूरी दस्तावेज की आवश्यकता होगी:

  • ग्रेजुएशन की मार्कशीट।
  • पहचान के लिए आधार कार्ड।
  • दो पासपोर्ट साइज फोटो लेटेस्ट।
  • स्थाई निवास प्रमाण पत्र।
  • जनरल कैटेगरी को छोड़कर बाकी किसी भी कैटेगरी के उम्मीदवार हो तो जाति प्रमाण पत्र आवश्यक है।
  • जीमेल आईडी (Gmail ID)
  • परमानेंट मोबाइल नंबर
  • सिग्नेचर या थम्प्रिंट / कई बार दोनों

इन तमाम जरूरी दस्तावेज को सबमिट करने के बाद आप कलेक्टर बनने के लिए फॉर्म अप्लाई कर सकते हैं, और यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

यूपीएससी परीक्षा के चरण

आपको मालूम होगा कि कलेक्टर बनने के लिए सबसे पहले आपको यूपीएससी की परीक्षा देना आवश्यक है। यूपीएससी की परीक्षा 3 चरणों में आयोजित होती है।

सबसे पहले जानते हैं परीक्षा में पूछे जाने वाले विषय के बारे में, यानी कि यूपीएससी के एग्जाम में किन विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं। यूपीएससी की एग्जाम देने वाले कैंडिडेट को निम्न विषयों पर अपना ध्यान केंद्रित करना बहुत जरूरी होता है।

1. Preliminary Written Examination (प्रारंभिक लिखित परीक्षा)

यह परीक्षा दो चरणों में विभाजित की जाती है, पहले चरण में आने वाले विषय कुछ इस तरह हैं। पेपर 1- 200 अंक के होता है, और इसके लिए 2 घंटे समय दिए जाते हैं। 

पेपर 1 के विषय निम्नलिखित हैं:

  • इतिहास
  • समाज शास्त्र 
  • भूगोल
  • राजनीतिक विज्ञान और नागरिक शास्त्र
  • पर्यावरण विज्ञान
  • अर्थशास्त्र
  • भौतिक रसायन और जीव विज्ञान

पेपर 2- 200 अंक के होता है, और इसके लिए भी 2 घंटे समय दिए जाते हैं।

पेपर 2 के विषय निम्नलिखित हैं:

  • मैथ
  • कॉम्प्रिहेंशन
  • रीजनिंग
  • जनरल मेंटल एबिलिटी
  • एनालिटिकल एबिलिटी 

2. Main Written Exam (मुख्य लिखित परीक्षा)

कलेक्टर बनने वाले सभी कैंडिडेट को प्रारंभिक एग्जाम पास करने के बाद मुख्य लिखित परीक्षा देनी होती है, मुख्य लिखित परीक्षा में विषयों से प्रश्न कुछ इस प्रकार के किए जाते हैं।

  • इंग्लिश
  • कंपलसरी इंग्लिश लैंग्वेज
  • निबंध
  • सामान्य अध्ययन- 1
  • सामान्य अध्ययन- 2
  • सामान्य अध्ययन- 3
  • सामान्य अध्ययन- 4
  • वैकल्पिक विषय पेपर- 1
  • वैकल्पिक विषय पेपर- 2

अब बात करते हैं 3 चरणों के परीक्षा के बारे में, कैंडिडेट को इन तीनों चरणों की परीक्षाओं को पास करना होता है, उसके बाद ही कलेक्टर बन पाएंगे। आइए जानते हैं इन तीनों चरणों के परीक्षा के बारे में। 

1. Preliminary Exam (प्रारंभिक परीक्षा) 

प्रारंभिक परीक्षा हर साल जून महीने में आयोजित की जाती है, इस परीक्षा के अंदर 2 पेपर होते हैं। पहला पेपर जनरल एबिलिटी टेस्ट का होता है, और दूसरा पेपर सिविल सर्विसेज एप्टिट्यूड टेस्ट का होता है।

यह दोनों ही परीक्षाएं ऑब्जेक्टिव टाइप क्वेश्चन पर आधारित होते हैं, यह क्वेश्चन पेपर 400 नंबरों का होता है। कैंडिडेट के लिए यह परीक्षा पास करना बहुत जरूरी होता है।

2. Main Exam (मुख्य परीक्षा)

यूपीएससी की मुख्य परीक्षा हर साल सितंबर से लेकर अक्टूबर के महीने में आयोजित की जाती है। मुख्य परीक्षा में टोटल 9 परीक्षाएं होती हैं, इन सभी परीक्षाओं को दो भागों में बांटा गया है।

कलेक्टर बनने के लिए यह दो लिखित परीक्षाओं को पास करना कैंडिडेट के लिए जरूरी है। इन दोनों परीक्षाओं को पास करने के बाद तीसरे चरण की परीक्षा होती है।

3. Interview (साक्षात्कार)

तीसरे चरण का परीक्षा साक्षात्कार यानी इंटरव्यू देना होता है, कलेक्टर बनने के लिए सभी कैंडिडेट को इंटरव्यू परीक्षा से गुजर ना होता है।

कैंडिडेट के लिए सबसे कठिन परीक्षा यदि कोई होता है तो वह साक्षात्कार यानी इंटरव्यू का परीक्षा होता है। इंटरव्यू बहुत ही कठिन और महत्वपूर्ण परीक्षा माना जाता है।

इंटरव्यू परीक्षा का तरीके का यह है कि एक हॉल में कई अधिकारियों का ग्रुप होता है, सारे लोग विभिन्न विषयों पर कैंडिडेट से सवाल करते हैं, और कैंडिडेट को सही तरीके से उन सभी प्रश्नों का उत्तर देना होता है।

जितने भी इंटरव्यू लेने वाले अधिकारी होते हैं वह कैंडिडेट के प्रश्नों के उत्तर के साथ साथ बोलने का तरीका, बात करने का अंदाज, बैठने का तरीका इत्यादि चीजों को भी देखते हैं।

जब आप इन तीनों परीक्षाओं को पास कर लेंगे, तो अब आप कलेक्टर बन जाएंगे, और इस तरह आप पूरे जिले का मालिक बन जाते हैं, और पूरे जिले का प्रशासनिक जिम्मेदारी आपको निभाने होती है। 

निष्कर्ष

हमने आज इस आर्टिकल कलेक्टर कैसे बने के माध्यम से आपको कलेक्टर बनने का सारा प्रोसेस बताया है, कलेक्टर बनने के लिए क्या क्या योग्यताएं होनी चाहिए, फॉर्म अप्लाई किस तरह करनी चाहिए,  कितने चरणों में एग्जाम होता है और विषय क्या-क्या है इन सभी चीजों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।

आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल काफी पसंद आया होगा, और इस आर्टिकल के माध्यम से आपके नॉलेज में वृद्धि हुई होगी। इस आर्टिकल को सोशल मीडिया के माध्यम से आप अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें, ताकि यह महत्वपूर्ण जानकारी वह भी प्राप्त कर सकें।

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